ढाई दशक पुरानी घोषणाएं आखिर कब होंगी पूरी – गुसाईं

 

देहरादून। कारगिल शहीदों के आश्रितों हेतु की गई केन्द्र तथा राज्य सरकार की घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 1999 से आज तक लगातार संघर्षरत केशर जन कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट एन के गुसाईं ने कहा कि 26 जुलाई 1999 को युद्ध समाप्ति की घोषणा के साथ ही केन्द्र तथा राज्य सरकार ने शहीद आश्रितों के लिए घोषणाओं की झडी तो लगा दी लेकिन आज ढाई दशकों बाद भी राज्य सरकार की घोषणाएं अधूरी हैं ऐसे में वर्ष में 1 दिन के लिए शौर्य दिवस मनाना सिर्फ औपचारिक पूरी करने जैसा ही है।

राज्य सरकार की घोषणा को पूरा करने हेतु कारगिल शहीद आश्रित एसोसिएशन वर्तमान में केशर जन कल्याण समिति ने जनवरी 2005 में राजभवन का दरवाजा खटखटाया था।
राज्यपाल के सचिव ने अपने संलग्न पत्र संख्या 124/जी0एस0/2005 दिनांक 15/01/2005 के द्वारा राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एक नोडल अफसर नामित करने की बात की थी,किन्तु आततक क्या हुआ कुछ नहीं कह सकते।


केन्द्र सरकार की शहीद परिवार को 10 लाख एक्स ग्रेसिया तथा गैस अथवा पेट्रोल पंप वाली घोषणा तो समिति द्वारा देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई, रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री राम नाईक, तत्कालीन समय के सभी राज्यपालों , लगभग सभी मुख्यमंत्रियों , केन्द्र तथा राज्य सरकारों के सभी आला अधिकारियों  से मिलकर अथवा समय समय पर पत्राचार करने के अथक प्रयासों के बाद पूरी हो गई हैं, किन्तु राज्य सरकार की कतिपय घोषणाएं आज भी पूरी होने की बाट जोह रही हैं।


घोषणायें निम्न थीं:-

शहरी क्षेत्र में मकान हेतु प्लाट या ग्रामीण क्षेत्र में 5 बीघा कृषि भूमि(संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा)
प्राथमिकता पर विद्युत, जल टेलीफोन तथा गैस कनेक्शन।
सैनिक कल्याण विभाग द्वारा ग्रीन कार्ड जारी करना।
ग्रीन कार्ड होल्डर का नाम स्थानीय पुलिस चौकी में 8/1 के अन्तर्गत सम्मानित व्यक्तियों की सूची में दर्ज करना।
उपजिलाधिकारी,पुलिस क्षेत्राधिकारी,तहसील व थाना कर्मियों द्वारा समय-समय पर शहीद के घर जाकर उनकी समस्याओं का मौके पर निस्तारण करना।
शहीद के घर को जोडने वाले मार्ग का शहीद के नाम पर नामकरण।
शहीद के घर के नजदीकी विद्यालय का नाम शहीद के नाम पर नामकरण (संबंधित जिलाधिकारी द्वारा)
आदि।


गुसाईं ने अंत में कहा कि युद्ध का समय हो या फिर शांति काल में शीशफायर के उल्लंघन का समय, सेना हो या फिर अर्धसैनिक बल सभी को एक समान सम्मान तथा सुविधाएं मिलनी चाहिए।

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