प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात में छाया उत्तराखंड
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है। प्रधानमंत्री के “मन की बात“ कार्यक्रम में उत्तराखंड छाया रहा है। शारदीय नवरात्रि के शुभारंभ पर आगामी तीन अक्टूबर को “मन की बात कार्यक्रम“ दस वर्ष पूर्ण कर लेगा। इन दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार उत्तराखंड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं, युवाओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अपने कार्यों से पूरे देश और समाज के सामने आदर्श मिसाल पेश की है। कई कार्यो को प्रेरणाजनक बताते हुए उन्होंने पूरे देश का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया।
नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने इस कार्य की सराहना की है। इस लाइब्रेरी की खासियत है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुंच रही हैं और यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गांवों को कवर किया गया है। बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं।
राजकीय इंटर कालेज कोटद्वार में गणित के शिक्षक संतोष नेगी की ओर से जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयोग को प्रधानमंत्री ने सराहा था। संतोष नेगी ने कॉलेज परिसर में दो सौ गड्ढे बनाकर उनमें बारिश के पानी का संचय किया, जिससे पूरा परिसर हरियाली से भर गया।
जनपद बागेश्वर के रीमा गांव के निवासी पूरण सिंह उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संरक्षण में जुटे हैं। उत्तराखंड की लोक विधा जागर, न्योली, हुड़का बोल, राजुला मालूशाही लोकगाथा के गायन में उन्होंने खास पहचान बनाई है। पूरण सिंह की बचपन मे ही दोनों आंखें खराब हो गई थी। वह पहाड़ी गीत झोड़ा, छपेली, चाचरी, न्यौली, छपेली, जागर आदि सुना करते थे। आंखें खराब होने से वह पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने बाल्यावस्था से ही गायन शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड से अगाध प्रेम है। उत्तराखंड उनके दिल में बसता है। यह उनके देवभूमि से असीम लगाव को ही प्रदर्शित करता है कि प्रधानमंत्री ने “मन की बात“ कार्यक्रम में देवतुल्य जनता, प्राकृतिक संपदा, रीति-नीति और लोक परंपराओं का अक्सर जिक्र किया है। इस कार्यक्रम ने छोटे से छोटे स्तर पर काम करने वालों को भी देश-दुनिया मे पहचान दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नवरात्रि के शुभारंभ पर आगामी तीन अक्टूबर को “मन की बात“ कार्यक्रम के 10 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। दस वर्षों में इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने सामाजिक संगठनों और लोगों द्वारा जनहित में किए गए अनेक कार्यों का जिक्र कर लोगों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।