देहरादून! उत्तराखंड में द्विवर्षीय डीएलएड प्रवेश परीक्षा (2019-20) की प्रतीक्षा सूची से चयनित और सीधे द्वितीय सेमेस्टर में पंजीकृत 153 प्रशिक्षुओं ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती में समान अवसर देने की मांग की है। इन प्रशिक्षुओं का कहना है कि वे भी समान सत्र के अन्य प्रशिक्षुओं की तरह योग्य हैं और उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
प्रशिक्षुओं ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को दिए एक ज्ञापन में कहा है कि वे तीन सेमेस्टर (द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ) ससम्मान उत्तीर्ण कर चुके हैं, जिसमें 24 और 96 दिवसीय विद्यालय अनुभव भी शामिल है। उनका प्रथम सेमेस्टर 1 जुलाई 2022 से शुरू हुआ था और जून 2024 तक पूरा होगा।
ज्ञापन में कहा गया है कि विभिन्न समाचार पत्रों और संबंधित कार्यालयों से जानकारी प्राप्त हुई है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन जल्द ही जारी किए जाएंगे। प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं का कहना है कि यदि भर्ती प्रक्रिया जून 2024 से पहले शुरू होती है, तो वे आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे, क्योंकि उनका प्रथम सेमेस्टर तब तक पूरा नहीं होगा।
प्रशिक्षुओं ने निम्नलिखित मांगें की हैं:
●प्राथमिक शिक्षक भर्ती में समान बैच समान अवसर की माँग ।
●प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षुओं को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में औपबंधिक रूप से आवेदन करने का अवसर दिया जाए।
प्रशिक्षुओं का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने से उन्हें अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिलेगा। साथ ही, यह सुनिश्चित होगा कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में सभी योग्य उम्मीदवारों को समान अवसर प्राप्त होगा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता भी बनी रहेगी। प्रतीक्षा सूची से चयनित प्रशिक्षु यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें भर्ती प्रक्रिया में समान अवसर मिले। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने छात्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह किसी प्रशिक्षु के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे और उचित समाधान निकालेंगे।
डोईवाला कॉलेज के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंकित तिवारी ने डायट प्रशिक्षु को समर्थन देते हुए कहा कि
सभी प्रशिक्षुओं को समान अवसर दिया जाना चाहिए।सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और सभी प्रशिक्षुओं को समान अवसर प्रदान करना चाहिए।तिवारी ने कहा कि वे डायट प्रशिक्षुओं के साथ हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं।उन्होंने कहा कि वे इस मामले को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगे और उचित समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।