सिर्फ कागजों मे ही चल रहे है उत्तराखण्ड के एसटीपी
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अफसर लगा रहे पलीता , 18 महीने मे मात्र 29 सौ यूनिट ही खर्च की बिजली
चंद्रप्रकाश बुड़ाकोटी
देहरादून (सक्षम उत्तराखण्ड) । उत्तराखंड मे जल संस्थान व जल निगम नमामि गंगे के तहत मिले बजट को संचालक कम्पनी के साथ मिलकर ठिकाने लगाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। यही नहीं प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर पालिता लगा रहे है। चमोली के सीवर ट्रीटमेट प्लान्ट के बिधुत बिलो को देखकर साफ होता है कि एसटीपी संचालन की रिपोटें भी झूठ का पुलिंदा है। चमोली मे एक एसटीपी द्वारा 18 माह मे सिर्फ 2903 सौ यूनिट ही बिजली खर्च की गई।
ओल्ड चमोली एसटीपी ( विद्युत संयोजन 25 किलो वाट )
साल 2022
जनवरी – 248 यूनिट
फरवरी – 247 यूनिट
मार्च – 325 यूनिट
अप्रैल – 335 यूनिट
मई – 319 यूनिट
जून – 313 यूनिट
जुलाई – 208 यूनिट
अगस्त – 227 यूनिट
सितम्बर – 45 यूनिट
अक्टूबर – 76 यूनिट
नवम्बर – 50 यूनिट
दिसम्बर – 56 यूनिट
टोटल – 2449 यूनिट
साल 2023
जनवरी 68 यूनिट
फरवरी 26 यूनिट
मार्च 96 यूनिट
अप्रेल 40 यूनिट
मई 37 यूनिट
जून 119 यूनिट
जुलाई 68 यूनिट
टोटल – 454 यूनिट
चमोली एसटीपी में 18 माह ऐसा कुल विद्युत खपत – 2449 + 454 = 2903
वही इसी जनपद के दूसरे नन्द प्रयाग मे लगे एसटीपी मे भी 18 माह मे मात्र चार हजार यूनिट बिजली की खपत की गई। अगर प्रतिदिन के हिसाब से देखे तो सिर्फ 5 से 6 यूनिट ही बिजली इन प्लांट ने यूज की। पांच यूनिट बिजली मे कितना सीवर ट्रीटमेट प्लांट चलाया होगा अंदाजा लगाया जा सकता है।
नन्द प्रयाग एसटीपी ( विद्युत संयोजन 30 किलो वाट )
साल 2023
जनवरी – 20 यूनिट
फरवरी – 40 यूनिट
मार्च – 281 यूनिट
अप्रेल – 120 यूनिट
मई – 180 यूनिट
जून – 20 यूनिट
जुलाई – 180 यूनिट
……..
टोटल – 841 यूनिट
इन एसटीपी प्रोजेक्टों ने तीस किलोवाट और पचीस किलो वाट के कनेक्शन लिए है। गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए केंद्र सरकार खास तौर पर नदियों के किनारे गंदे नाले सीवर को सीवर ट्रीटमेट प्लांट मे लाकर इसके मानको के अनुसार सफाई कर स्वच्छ पानी को नदी मे जाना था। इसके लिए भारत सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। चमोली मे एक सीवर प्लांट मे 16 लोगो कि मौत के बाद उत्तराखंड मे बनाये गए सीवर ट्रीटमेट प्लांट सवालों के घेरे मे आ गए है। इनके संचालन पर भी सवाल खड़े हो गए है।
नन्द प्रयाग एसटीपी निकट संगम रोड
साल 2023
जनवरी – 10 यूनिट
फरवरी – 280 यूनिट
मार्च – 28 यूनिट
अप्रैल – 23 यूनिट
मई – 413 यूनिट
जून – 83 यूनिट
जुलाई – 53 यूनिट
कुल यूनिट सात माह – 890
दरअसल मनको के मुताबिक हर दिन 8 घंटा प्लांट चलाया जाना होता है। लेकिन बिजली कि खपत के जो आंकड़े सामने आये है इनसे तो यह प्लांट एक घंटे भी चल रहे है यह संसय बना हुआ है। सवाल यह भी है कि अगर प्लांट संचालक ने बिना सीवर संसोधन के सीवर को सीधे नदी मे डाला है तो यह आपराधिक कृत्य है। जल सस्थान और पेयजल निगम के अफसर भी इस पर क्यों आंखे मूँद रहे ।