बर्खास्त कार्मिकों ने बच्चों सहित स्पीकर के सामने लगाई न्याय की गुहार, कार्मिकों का आरोप स्पीकर ने दिल्ली,और बिहार हरियाना वालों को नौकरी पर रखकर उत्तराखंड वालों को किया बर्खाश्त

बर्खास्त कार्मिकों का विधान सभा अध्यक्ष पर आरोप दिल्ली, हरियाणा, बिहार के लोगों को निजी स्टाफ में रख कर उत्तराखंड के युवाओं के साथ छलावा विधान सभा अध्यक्ष के निजी स्टाफ में वर्तमान में सलाहकार, ओएसडी, पीआरओ, उप सूचनाधिकारी सभी हैं बाहर के राज्यों से बाहर के स्टाफ का उत्तराखंड के विकास एवं भावनाओ से नहीं है कोई सरोकार

 

देहरादून 24 दिसंबर| उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन विधानसभा के बाहर छठवें दिन भी जारी रहा, इस दौरान कार्मिकों के बच्चों ने भी धरने में बैठकर विधानसभा अध्यक्ष न्याय की गुहार लगाई| बच्चों ने पेंटिंग बनाकर अपने माता-पिता की नौकरी को बहाल करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को अपना मार्मिक संदेश दिया|

अनिश्चितकालीन धरने मैं बर्खास्त कार्मिकों के बच्चों ने स्कूल की ड्रेस में पहुंचकर अपनी भावनाएं व्यक्त की| इस दौरान बच्चों द्वारा क्रिसमस के ग्रीटिंग बना कर विधानसभा अध्यक्ष को उनके शासकीय आवास के पते पर पोस्ट किया गया| इस मौके पर एक कार्मिक के बच्चे ने कहा कि स्कूल में 3 महीने से फीस ना भरने के कारण स्कूल से उन्हें बाहर निकालने का दबाव भी बनाया जा रहा है| कार्मिकों ने कहा कि उनके सामने परिवार के भरण पोषण एवं रोजी रोटी का संकट पैदा हो चुका है|

इस दौरान बर्खास्त कार्मिकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप भी लगाया कि दिल्ली, हरियाणा, बिहार के लोगों को निजी स्टाफ में रख कर उत्तराखंड के युवाओं के साथ छलावा किया गया है| बाहर के स्टाफ का उत्तराखंड के विकास एवं भावनाओ से कोई सरोकार नहीं है|बता दें कि विधान सभा अध्यक्ष के निजी स्टाफ में वर्तमान में सलाहकार, ओएसडी, पीआरओ, उप सूचनाधिकारी सभी बाहर के राज्यों से नियुक्त किए गए हैं|

विधान सभा से बर्खास्त कार्मिकों ने बताया कि 2001 से 2013 तक 160 कर्मचारियों-अधिकारियों को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उसी कलम से नियमित किया था, जिस कलम से वर्ष 2016 में बर्खास्त कार्मिकों को तदर्थ नियुक्ति मिली थी। अब जब विधानसभा में बैकडोर भर्ती से 2001 से 2021 तक सभी को समान प्रक्रिया से नियुक्ति मिली है तो ऐसा क्यों हुआ कि किसी को बिना सुने बाहर का रास्ता दिखाया दिया गया तो किसी को बचाया जा रहा है।बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने माना है एवं कोटिया कमेटी की रिपोर्ट में भी 2001 से 2021 तक विधानसभा में अवेध भर्ती हुई है तो यह सवाल लाजिमी है कि सिर्फ 2016 एवं उसके बाद नियुक्त कार्मिकों को ही क्यों हटाया गया। यह भी बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष का इस मामले पर अभी भी मीडिया के सामने कोई जवाब नहीं आया है|

इस दौरान कौशिक भैसोड़ा, भगवती सानी, धर्मेंद्र सिंह कार्की, अरविंद सिंह भंडारी, राजकिशोर, हेमंत जोशी, रविंद्र सिंह रावत, ओम प्रकाश, राजीव शाह, कपिल धोनी, शिवराज सिंह धानक, मनाली शर्मा, दया नगरकोटी, मोनिका सेमवाल, हेमलता जोशी, बबीता तिवारी, मीनाक्षी, रिशु सूर्या, दीपक सिंह, गोपाल नेगी, राहुल कुमार, केदार सिंह, अमित मंमगाई, भूपेंद्र प्रसाद, नंदू भट्ट सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे|

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