देहरादून। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में ड्यूटी के लिए तैनात पीआरडी जवान अपने कार्यों से यात्रियों का दिल जीतने का कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से भी पीआरडी जवानों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार इन जवानों का पहली बार 10 लाख रुपये तक का बीमा कराया गया है, साथ ही उनके भोजन-पानी की भी प्रशासन के स्तर से बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं।
गौरतलब है कि केदारनाथ पैदल मार्ग में कठिन परिस्थितियों के बीच पीआरडी के ये जवान श्रद्धालुओं की सेवा से लेकर रेस्क्यू तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो म्यूल टास्क फोर्स के अंतर्गत घोड़े- खच्चरों के मानक अनुसार संचालन का कार्य भी देख रहे हैं। श्री केदारनाथ धाम तक पैदल यात्रा मार्ग को सात पड़ाव में बांटा गया है। हर पड़ाव पर समान्य ड्यूटी के लिए पीआरडी के 06 और रेस्क्यू एवं अन्य कार्यों के लिए डीडीआरएफ के 06 जवान तैनात हैं। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारियों के साथ म्यूल टास्क फोर्स के जवान तैनात हैं जो नियमित रूप से घोड़ा- खच्चर संचालन के लिए बनाए गए नियम- कानूनो का पालन करा रहे हैं। तत्परता से ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस वर्ष पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुने लोगों की ड्यूटी यात्रा मैनेजमेंट में लगायी गई है। जिससे जवान यात्रा में सुगमता से ड्यूटी कर सकें एवं उनकी सेहत भी ठीक रहे। यात्रा मार्ग पर मुस्तैदी से ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों के लिए विशेष पहल करते हुए उनकी ड्यूटी में सुधार किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने बताया कि पिछले वर्षो के मुकाबले दोगुने पीआरडी जवानों की ड्यूटी यात्रा में लगायी गयी है। जहाँ पिछले साल यात्रा के दौरान 50 के आसपास ही पीआरडी जवान यात्रा मैनेजमेंट का हिस्सा होते थे तो इस वर्ष 90 से 95 जवानों को यात्रा मैनेजमेंट में लगाया गया है। इससे जवानों की ड्यूटी रोटेशन में लगायी जा रही है ताकि ड्यूटी के दौरान उन्हें आराम मिल सके। इसके अलावा प्रशासन की तरफ से इन्हें राशन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि खाने की कोई समस्या न हो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी संभाल रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवाड ने बताया कि गौरीकुंड से सभी जवानों के लिए सूखे राशन सहित अन्य अनिवार्य सामान लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं पहली दफा इन जवानों को 10 लाख रुपए तक का बीमा भी करवाया गया है।