प्रचलित समाचार पत्र ने प्रकाशित की तथ्यहीन खबर, एमडी पिटकुल पीसी ध्यानी और यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने संयुक्त बयान जारी कर किया खंडन

देहरादून।  दिनांक 19.10.2023 के दैनिक समाचार पत्र ने  शीर्षक “काम अधूरा, पीएम से करवा दिया लोकार्पण – पिथौरागढ़-लोहाघाट- चंपावत पारेषण लाइन का मामला, बिजलीघर बना न स्टाफ तैनात”  समाचार प्रकाशित किया गया था जिसमे   पिटकुल और यूपीसीएल की कायर्प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाया गया था कि पिटकुल प्रबंधन ने देश के प्रधानमंत्री को गलत तथ्य पेश कर लोकार्पण करवा दिया है ।

इसको लेकर पिटकुल एमडी के पक्ष और विपक्ष में शोशल मीडिया पर पोस्ट की बाढ आ गयी ,  इस मामले में पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी और यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार द्वारा संयुक्त रूप से सम्बंधित समाचार पत्र को उपरोक्त तथ्यहीन समाचार का खंडन प्रकाशित करने को पत्र भेज दिया।

जिस प्रकार दोनों प्रबंध निदेशकों ने खंडन पत्र प्रेषित किया उससे प्रतीत होता है कि सम्बंधित खबर को रिपोर्टर द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर समाचार प्रकाशित किया गया हो , जिससे राज्य के ऊर्जावान मुख्यमंत्री , ऊर्जा सचिव , ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा सके ।

इस सम्बन्ध में एमडी पीसी ध्यानी द्वारा राज्य के ऊर्जा सचिव को बिंदुवार आख्या भेज दी गयी है।

https://www.sakshamuttarakhand.com/prime-minister-inaugurated-ptcul-s-pithoragarh-lohaghat-transmission-line/

पिटकुल एमडी पीसी ध्यानी और यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार द्वारा बताये गए तथ्य 

उपरोक्त समाचार पूर्णतः असत्य एवं निराधार एवं तथ्यविहीन है। वास्तविक्ता यह है कि पिथौरागढ़-लोहाघाट-चम्पावत लाईन का कार्य 02.06.2023 को पूर्ण हो चुका है तथा कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ही 11.06.2023 को उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की अनुमति से इसे 33 के०वी० पर उर्जीकृत किया गया है।

स्टाफ तैनात न होने के सम्बन्ध में सूचना की जानकारी प्राप्त किये बिना ही प्रकाशित की गयी है जोकि पूर्णतः मनगढंत एवं कपोलकल्पित है। परियोजना कार्यों के साथ-साथ इस लाईन के अनुरक्षण एवं रखरखाव एवं निगरानी हेतु 01 – अधीक्षण अभियन्ता, 01-अधिशासी अभियन्ता, 01- सहायक अभियन्ता तथा 01 अवर अभियन्ता कार्यरत हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि स्टाफ न होने का समाचार प्रकाशित करना असत्य एवं निराधार है।

दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र होने एवं भू-स्खलन तथा घने जंगल के कारण आंधी-तूफान के कारण बार-बार लाईन ट्रिपिंग की समस्या एवं लो-वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती थी जिससे क्षेत्र की जनता कोअसुविधा का सामना करना पड़ता था।

 

दिनांक 08.05.2023 को उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग ने तीनों ऊर्जा निगमों को दी गयी अनुमति 

निगमों उपकालि पिटकुल एवं यू०जे०वी०एक लिमिटेड की बैठक में उक्त समस्या के निदान हेतु  उ०पा०कालि0 के अनुरोध पर पिथौरागढ़- चम्पावत लाईन को 33 के०वी० पर ऊर्जीकृत करने की अनुमति प्रदान की गयी थी।

 

यूईआरसी की बैठक में तीनों निगमों के निम्न अधिकारी उपस्थित रहे है

उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन के लिए

अनिल कुमार प्रबन्ध निदेशक, एमएल प्रसाद निदेशक (परिचालन), ए०के० अग्रवाल, निदेशक (परियोजना), नरेश कुमार मुख्य अभियन्ता , एम०एस० राणा अधीक्षण अभियन्ता (आर०एम०), एन०एस० बिष्ट अधीक्षण अभियन्ता।

उत्तराखण्ड जलविद्युत निगम लि0

पुरषोत्तम सिंह, निदेशक (परिचालन), सुरेश चन्द्र बलूनी निदेशक (परियोजना) , पंकज कुलश्रेष्ठ अधिशासी निदेशक, के0के0 जायसवाल मुख्य अभियन्ता, देवेन्द्र गर्ग मुख्य अभियन्ता, अम्बरीश शर्मा उपमहाप्रबन्धक (कमर्शियल), डी०सी० शर्मा अधिशासी अभियन्ता।

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि०

नीरज कुमार, निदेशक (परियोजना) ,  एच०एस० हयाकी, मुख्य अभियन्ता (परि० एवं अनु),  ईला चन्द्र मुख्य अभियन्ता कय एवं अनु) , अनुपम सिंह मुख्य अभियन्ता (परि० एवं अनु०) ,अनुपम शर्मा मुख्य अभियन्ता (परियोजना) , जितेन्द्र चतुर्वेदी मुख्य अभियन्ता (जानपद) , संजीव कुमार गुप्ता अधीक्षण अभियन्ता, ऋषिकेश , पंकज कुमार अधीक्षण अभियन्ता,  प्रज्जवल कुमार भास्कर अधीक्षण अभियन्ता,   सतीश कुमार मंगल अधीक्षण अभियन्ता,  अशोक कुमार अधिशासी अभियन्ता।

दोनों अधिकारियों ने अवगत कराया कि पारेषण लाईन का निर्माण कार्य अलग है जिस कारण उसके लिए पृथक से निविदा आमंत्रित कर कार्य आवंटित किया गया जबकि उपकेन्द्र का निर्माण कार्य अलग है। पारेषण लाईन की 132 के0वी0 पिथौरागढ़-लोहाघाट-चम्पावत लाईन का कार्य दिनांक 02.06.2023 को पूर्ण होने के उपरान्त दिनांक 11.06.2023 को 33 के0वी0 पर ऊर्जीकृत किया गया है।

उक्त लाइन के ऊर्जीकृत होने के उपरान्त क्षेत्र की लो-वोल्टेज समस्या, विद्युत ट्रिपिंग की समस्या से क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली तथा वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ-साथ ब्रेकडाउन नगण्य हो गया है।

दोनों प्रबंध निदेशकों ने कहा कि सम्बन्धित समाचार पत्र द्वारा गलत समाचार प्रकाशन के कारण सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की आम जनता में पिटकुल की छवि एवं ख्याति धूमिल हुई है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती है। ध्यानी और अनिल कुमार ने समाचार पत्र के कुमायूँ से प्रकाशित दिनांक 19.10.2023 में  “काम अधूरा, पीएम से करवा दिया लोकार्पण पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपा वत पारेषण लाइन का मामला, बिजलीघर बना न स्टाफ तैनात प्रकाशित समाचार का खण्डन करते हुए सही वास्तविक तथ्यों का समाचार प्रकाशन दिनांक 20.10.2023 के दैनिक समाचार पत्र में करवाने को कहा है  जिससे कि समाचार पत्र की विश्वसनीयता एवं पिटकुल की छवि धूमिल न होने पाये।

देखने वाली बात यह होगी की समाचार पत्र ध्यानी और अनिल कुमार के निवेदन को कितना स्वीकार करता है या तोड़ मरोड़कर खंडन प्रकाशित करने के नाम पर इनका पक्ष कहकर प्रकाशित कर देता है।  

 

वैसे गाहे बगाहे देखने को मिलता है कि उत्तराखंड में इस तरह के प्रकरण अक्सर होते रहते है , कोई विरोध के लिए विरोध करता है ,तो कोई अपने आर्थिक हितो को साधने के लिए किसी भी हद तक  गुजर जाते है , ऐंसे में उत्तराखंड के जनमानस की चिंता स्वास्थ्य , शिक्षा , जानवरों के द्वारा इंसानो की हत्या , बेरोजगारी , पलायन , अपराध आदि जनसरोकारों के मुद्दों पर कोई भी  जिम्मेदार व्यक्ति कभी भी न बोलते है न लिखते है ऐंसे में स्वतः ही समझ में आ जाता है कि पिटकुल जैसे निगम या यूपीसीएल जैसे निगमों की खबरों को  सहारा बनाकर अपना हित भी साधा जाता होगा। 

 

जंहा तक पीएम से अधूरे कार्यों के लोकार्पण का समाचार है तो गौरतलब है कि इससे पूर्व में भी कही बड़ी पारेषण लाइनों को विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिये गये निर्णय के क्रम में 33 के0वी0 पर ऊर्जीकृत किया गया।  प्रदेश एवं जनहित में लाभ हेतु उपरोक्त लाईन 33 के0वी0 पर ऊर्जीकृत की गयी, जिससे लाईन में आ रही अत्यधिक विद्युत ट्रिपिंग / ब्रेकडाउन में कमी होगी,  ट्रिपिंग में कमी के फलस्वरूप राजस्व में वृद्धि होगी, लो-वोल्टेज की समस्या से निजात  मिलेगी , ऊर्जा हानियों में कमी व उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत उपलब्धता निर्बाध रहेगी।

 

इससे पूर्व भी  देश की सर्वश्रेष्ठ पारेषण यूटीलिटी PGCIL द्वारा भी अति उच्च विभव (ExtraHigh Voltage) लाईनों का निर्माण कर समय-समय पर कार्यहित में निम्न विभव (Low Voltage) पर ऊर्जीकृत किया जाता रहा है। जैसा कि 765 के0वी0 कोटेश्वर-मेरठ लाईन का निर्माण कर 400 के०वी० पर ऊर्जीकृत किया गया। 400 के०वी० धौलीगंगा-बरेली लाईन का निर्माण कर 220 के0वी0 पर ऊर्जीकृत किया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.