देहरादून ! यूपीसीएल के 33KV सेलाकुई फीडर पर विगत वर्ष कई बार ट्रिपिंग आयी थी-
सूत्रों के अनुसार 15 से 20 ट्रिपिंग आने पर ब्रेकर बदल देना चाहिए लेकिन UPCL अपनी ग़लती को ठीक करने के लिए पिटकुल को ब्रेकर बदलने के लिए भुगतान नहीं किया गया है।
एक्सपर्ट के अनुसार एक ब्रेकर की कीमत पांच लाख रुपए होती है-
सेलाकुई फीडर पर पिछले साल आयी ट्रिपिंग के हिसाब से सात बार ब्रेकर बदलने से प्रति ब्रेकर रु 5 लाख की दर से रुपये 35 लाख खर्च करने पड़ते, लेकिन पिटकुल के पास धन की कमी के कारण ब्रेकर को बदला नहीं जाता और काम चलाऊ व्यवस्था के तहत उसे ही रिपेयर करके काम चलाया जाता है।
यूपीसीएल यदि आये दिन अपने 33KV उपकेन्द्रो पर आ रही ट्रिपिंग को समय रहते ठीक नहीं करता है तो आज और तीन दिन पूर्व घटित घटनाओं से यह लगता है कि UPCL यह कहावत चरितार्थ कर देगा कि –
खुद तो डूबेंगे सनम
तुम्हें भी साथ ले डूबेंगे।
बार बार इतनी बड़ी घटनाएं होने पर भी एमडी यूपीसीएल का साइट पर न पहुंचना विभाग एवं क्षेत्र की जनता व विकास के लिए घातक है जो कभी भी विशाल जन हानि व आन्दोलन का रूप ले सकता है।