बढ़ते विद्युत भार के दृष्टिगत पिटकुल एमडी पीसी ध्यानी की अध्यक्षता में हुयी बैठक, चीला पावर हाउस के अनुरक्षण में लाई जाए गति, जिससे विद्युत उत्पादन शीघ्र शुरू हो सके

बैठक में यूपीसीएल के निदेशक परिचालन मदनराम रहे उपस्थित

 

देहरादून। ग्रीष्मकाल में उत्तराखण्ड राज्य में विगत दिनों लगातार तापमान बढ़ने से विद्युत मांग में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत व्यवस्था कोे सुचारू बनाये रखने हेतु पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी की अध्यक्षता में उपाकालि के निदेशक (परिचालन)  व पिटकुल के अधिकारियों के साथ बैठक हुई, बैठक में  विस्तारपूर्वक चर्चा के उपरान्त  सहमति बनी जिसमे  पिटकुल द्वारा अवगत कराया गया कि 132 केवी/220 केवी/400 केवी लाईनों के नीचे गुजर रही उपाकालि की लाईनों का मानक के अनुसार क्लीयरेन्स कम है, जिसकी वजह से विगत दिनों पिटकुल की पारेषण लाईनों में अनावश्यक ट्रिपिंग हुई। बैठक में सहमति बनी कि पिटकुल और उपाकालि द्वारा संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण कर 33केवी/11केवी/एलटी लाईनों को आवश्यकतानुसार विस्थापित किया जाएगा, इस  कार्य की सुनिश्चितता हेतु उपाकालि एवं पिटकुल के सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता संयुक्त निरीक्षण करेंगे एवं दोनों निगमों के सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता प्रतिमाह बैठक कर कार्याें की समीक्षा करेंगे।

पिटकुल द्वारा उपाकालि के निदेशक (परिचालन) से अनुरोध किया गया कि पिटकुल के अतिभारित उपकेन्द्रो से 33 केवी पोषकोें का विद्युत भार अविलम्ब अन्य उपकेन्द्रों, जहाँ पर पर्याप्त ट्राँसर्फामर क्षमता है, पर स्थानान्तरित किया जाए ताकि ट्रिपिंग एवं विद्युत कटौती जैसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पिटकुल एवं उपाकालि के मध्य यह सहमति भी बनी कि उपाकालि द्वारा बढ़ते अनुमानित भार से सम्बन्धी सूचना प्रत्येक 06 माह में पिटकुल को भी उपलब्ध करायी जायेगी। उपकेन्द्रों पर लोड मैनेजमेन्ट हेतु सहमति बनी कि एक मैगवाट या उससे अधिक क्षमता के विद्युत संयोजन स्वीकृत करने से पूर्व पिटकुल की सहमति अनिवार्य रूप से ली जायेगी। निदेशक (परिचालन), उपाकालि ने अवगत कराया गया कि 220 केवी उपसंस्थान चम्बा से प्रेषित 33 केवी ढ़ालवाला तथा 33 केवी मुनि-की-रेती के मध्य कम क्षमता वाले  कन्डक्टर से बदला जाएगा। वर्तमान में 220 के0वी0 उपसंस्थान वीरभद्र ऋषिकेश में स्थापित 2ग्40 एमवीए ट्रांसर्फामर पर ओवरलोडिंग की स्थिति में, स्थानीय स्तर 11 केवी पोषकों पर विद्युत कटौती की सहमति बनी।   सहमति बनी कि उपाकालि अपने उपकेन्द्रों पर कैपिसिटर बैंक स्थापित करेगा। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जिन स्थानों पर सोलर प्लान्ट उपलब्ध हैं, वहाँ पर उपाकालि द्वारा उचित क्षमता के कैपिसिटर बैंक स्थापित किये जायेंगे।  हरिद्वार क्षेत्र में 33 केवी ट्रांसपोर्ट नगर पोषक को 132 केवी उपकेन्द्र पदार्था पर स्थानान्तरित किया जायेगा। 132 केवी उपकेन्द्र बिन्दाल एवं माजरा से लोड कम कर 220 उपकेन्द्र हर्रावाला में शिफ्ट किया जायेगा।

पिटकुल के एमडी ने  निदेशक (परियोजना), यूजेवीएन लि0 को दूरभाष पर अवगत कराया  कि चीला पावर हाऊस के अनुरक्षण कार्य में गति लायें व चीला पावर हाऊस का शटडाऊन शीघ्र वापिस किया जाये, जिससे कि चीला पावर हाऊस का उत्पादन शुरू हो सके एवं हरिद्वार, ऋषिकेश एवं देहरादून की विद्युत आपूर्ति में सुधार हो सके। यह भी सहमति बनी कि भविष्य में उपाकालि द्वारा देहरादून क्षेत्र में बढ़ते विद्युत भार के दृष्टिगत बढ़ते विद्युत भार के सम्बन्ध में अवगत कराया जायेग, जिसके उपरान्त पिटकुल द्वारा अपनी पारेषण लाईनों की क्षमता में वृद्धि की जायेगी।

बैठक में प्रबन्ध निदेशक पिटकुल द्वारा पिटकुल के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि विद्युुत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु अपने-अपने उपसंस्थानों एवं कार्यालय में मुस्तैदी से तैनात रहें तथा   विद्युत व्यवस्था को चाकचौबन्द रखें तथा सहायक अभियन्ता एवं उससे उच्च स्तर के अधिकारी अपरिहार्य कारणों से किसी भी प्रकार के अवकाश की आवश्यकता पड़ने पर प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल से पूर्वानुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही अवकाश पर प्रस्थान कर सकेंगे।

उपरोक्त बैठक में उपाकालि के निदेशक (परिचालन)  मदनराम,  राजीव गुप्ता,  अनुपम सिंह,  एच0एस0 ह्यांकी ऑनलाईन तथा पिटकुल के अधीक्षण अभियन्ता  पंकज कुमार, कार्तिकेय दुबे एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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