देहरादून। ऊर्जा प्रदेश में बिजली का संकट आये दिन बढ़ रहा है, आज उत्तराखण्ड विधान सभा सत्र के दौरान भी यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा जहां विपक्ष ने सरकार से बिजली कटौती के बारे में प्रश्न किया। हालाँकि सरकार द्वारा बताया गया कि राज्य में प्रतिदिन 23 घंटे से अधिक समय लगातार विद्युत सप्लाई की जा रही है। हालाँकि ऊर्जा प्रदेश में समय समय पर बिजली संकट बढ़ता रहता है और हाल के दिनों में ज्ञात हुवा है कि राज्य के विद्युत वितरण निगम ( यूपीसीएल ) को करोड़ों रूपये का नुकसान एक ही वित्त वर्ष में हुवा है , ये भी कडुवा सत्य है कि इस नुकसान की भरपाई आने वाली दिनों में विद्युत उपभोक्ताओं से ही की जानी है।
अब प्रश्न उठता है कि राज्य में कई नदियां हैं जिनसे पानी काफी मात्रा में बहता है, ऐंसे में राज्य में बिजली संकट का क्या कारण हो सकता है ये एक जांच का विषय है , जबकि भारत के अन्य प्रदेशों को भी उत्तराखण्ड द्वारा बिजली बेचीं जानी चाहिए थी लेकिन उत्तराखंड के बिजली निगम खुद के ही राज्य के लिए पर्याप्त बिजली व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं।
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हालांकि उत्तराखंड के बिजली निगमों में अक्सर उच्च पदों के लिए संघर्ष देखने को मिलता है ऐंसे में राज्य का फायदा होना असंभव ही लगता है।
वर्तमान हालातों को देखे को निगमों में धींगामुश्ती चरम पर है। वर्तमान मे पिटकुल के प्रबंध निदेशक पद पर कार्यरत अधिकारी को गैर इंजीनियर कहकर भी काम करने से ध्यान बंटवाया जाना भी इसी धींगामुश्ती का एक उदाहरण है , जबकि पिटकुल से कई गुना अधिक लाइनों की क्षमता वाले पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में सीएमडी पद पर फाइनेंस के अधिकारी को नियुक्त किया गया है , इससे पूर्व में भी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन सहित कई बड़े पीएसयू में मानव संसाधन से सम्बन्धित योग्यता धारियों को चेयरमैन कम मैनेजिंग डाइरेक्टर के पदों की जिम्मेदारी दी गयी है।
ज्ञात हो की पिटकुल में ही वर्ष 2009 में निदेशक वित्त यूपीसीएल को प्रबंध निदेशक का चार्ज दिया गया था ऐंसे में निगम के उच्च अधिकारियों को अपने निगम से बाहर के निगम के अधिकारियों की योग्यता से क्या समस्या हो सकती है इस सवाल का जबाब सरकार को ढूढ़ना चाहिए। साथ ही नदियों के राज्य में ऊर्जा निगमों के हालत ख़राब क्यों हो रही है उस पर सरकार द्वारा ध्यान देने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि पिटकुल के वर्तमान प्रबंध निदेशक की कार्यशैली से निगम के विकास से सम्बंधित व निगम कर्मियों के हित में बेहतरीन कार्य हो रहे हैं।