पिटकुल द्वारा घनसाली में 220 के0वी0 उपसंस्थान के निर्माण हेतु वर्ष 2013 में मैसर्स सी0जी0एल0 को कार्य आवंटित किया गया था। कार्यदायी संस्था मैसर्स सी0जी0एल0 और पिटकुल के मध्य उक्त कार्य हेतु अनुबंध किया गया था परंतु कार्यदायी संस्था मैसर्स सी0जी0एल0 द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य नहीं किया गया जिस पर पिटकुल द्वारा मैसर्स सी0जी0एल0 द्वारा जमा की गयी रू0 5.38 लाख की बैंक गारंटी को भुना दिया गया था।
मैसर्स सी0जी0एल0 द्वारा पिटकुल के खिलाफ आर्बिट्रेेशन किया गया एवं आर्बिट्रेटर द्वारा वर्ष 2019 में पिटकुल को लगभग 11.5 करोड़ रुपए मैसर्स सी0जी0एल0 को भुगतान करने का आदेश पारित किया। आर्बिट्रेटर के उक्त आदेश को पिटकुल द्वारा न्यायालय अपर जिला न्यायाधीश वाणिज्यक देहरादून में सेक्शन-34 के अंतर्गत चुनौती दी गई। पिटकुल द्वारा प्रकरण को पूरे तथ्यों के साथ एवं ठोस रूप से माननीय न्यायालय के समक्ष रखा गया। न्यायालय द्वारा दिनांक 24 दिसंबर 2022 को अपने निर्णय में आर्बिट्रेटर के द्वारा पारित आदेश को अपास्त किया गया। उक्त के उपरांत पिटकुल के प्रबंध निदेशक पी0 सी0 ध्यानी द्वारा संबंधित अधिकारियों को बधाई दी गई।