देहरादून। आर.टी. आई कार्यकर्ता अनिल बलूनी ने मुख्य सचिव एवं पीडब्लूडी के उच्च अधिकारियों को शपथ पत्र देकर सीसीटीवी कैमरों की खरीद एवं इंस्टालेशन के सम्बन्ध में कराये टेंडरों में हुई गडबडियों एवं वित्तीय अनियमितताओं और एक ब्रांड विशेष को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत की गई हेराफेरी के सम्बन्ध में शिकायत की है।
बलूनी ने शिकायत में कहा है कि लोक निर्माण विभाग (विद्युत एवं यांत्रिकी), द्वारा कार्यदायी संस्था की भूमिका में रहते हुए गढ़वाल एवं कुमाऊ मंडल की जेलों में वर्ष 2020 एवं वर्ष 2023, सीसीटीवी कैमरों की खरीद एवं इंस्टालेशन के सम्बन्ध में कराये टेंडरों में हुई गडबडियों एवं वित्तीय अनियमितताओं और एक ब्रांड विशेष को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत हेराफेरी की गयी है।
बलूनी ने कहा कि मै समय पर सरकारी विभागों में न्यास और उन भ्रष्टाचारों में संलिप्त तरकारी जिम्मेदार अधिकारियों का सूचना अधिकार के तहत जुटाए साक्ष्यों के साथ खुलासा करता रहा हूँ।
बलूनी ने शिकायती पत्र में लिखा है कि लोक निर्माण विभाग (विद्युत एवं यांत्रिकी) द्वारा कार्यदायी संस्था की भूमिका में रहते वर्ष 2020, में देहरादून, हरिद्वार और रूडकी तथा वर्ष 2023 में कुमाऊ मंडल की सम्पूर्ण एवं गढ़वाल मंडल की अतिसंवेदन जेलों के सर्विलांस हेतु सीसीटीवी कैमरों की खरीद तथा इंस्टालेशन के सम्बन्ध में टेंडर करवाए गए।
बलूनी ने कहा कि मेरे द्वारा समस्त पत्रावलियां सूचना अधिकार में मंगाए गए और अध्ययन करने पर पाया कि विभाग के वर्तमान मुख्य अभियनता (वि एवं यां) प्रमोद कुमार पाठक जो वर्ष 2020 में गढ़वाल मंडल के तत्कालीन उरधीक्षण अभियंता जो कि वर्ष 2023 में कुमाऊ मंडल के भी अधीक्षण अभियंता रहे।
पाठक की देखरेख और निगरानी में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर दोनों कुमाऊ और गढ़वाल मंडलों के टेंडर करवाए गए।
बलूनी ने आरोप लगाया कि टेंडर नियमों और उत्तराखंड सरकार की उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 एवं संशोधित वर्ष 2020 नियमावली , जिसका मुख्य उद्देश्य टेंडरों में पारदर्शिता सुचिता के साथ साथ प्रतिस्पर्धा वरक्तार रखना है, के साथ साथ केन्द्र सरकार द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत जारी खरीद निर्देशों का खुला उल्लंघन कर एक कम्पनी विशेष और एक सथकट्रिक्टर को अनुचित लाभ पहुंचाने के स्पष्ट प्रमाण दोनों वर्षों (वर्ष 2020 एवं वर्ष 2023) के टेंडर दस्तावेजों को पढ़ने और अध्ययन करने पर मिले हैं।
बलूनी ने पत्र में सम्बंधित अधिकारियो के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग मुख्य सचिव से की है।