आन्दोलन या हड़ताल की सोच को बदलकर समस्याओं का समाधान पर ध्यान देना चाहिए, यह राज्य हम सबका है – धामी

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के सदस्यों ने भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष समन्वय समिति द्वारा प्रस्तुत मांगों पर बिन्दुवार चर्चा हुई।  मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की विभिन्न मांगों पर समितियों का गठन कर समयबद्ध तरीके से कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इन समितियों में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के सदस्यों ने भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष समन्वय समिति द्वारा प्रस्तुत मांगों पर बिन्दुवार चर्चा हुई।  मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की विभिन्न मांगों पर समितियों का गठन कर समयबद्ध तरीके से कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इन समितियों में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कर्मचारी संगठनों की विभिन्न समस्याओं का सकारात्मक ढ़ंग से समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान आपसी बातचीत से ही संभव है। हमें आन्दोलन या हड़ताल की सोच को बदलकर आपसी सहमति से ही समस्याओं का समाधान पर ध्यान देना चाहिए, यह राज्य हम सबका है। राज्य के विकास की हमारी किसी एक ही नही बल्कि सामुहिक यात्रा है। कर्मचारियों के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक निर्णय लिये गये हैं। भविष्य में भी उनकी जायज मांगों का उचित समाधान निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास समास्याओं का सरलीकरण के साथ समाधान करने का है, हम सब मिलकर चलेंगे तो समस्याओं का समाधान उचित ढ़ंग से हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हम सबकों राज्य हित के बारे में भी सोचना होगा, अभी वेतन एवं पेंशन की मद में होने वाला व्यय हमारी आय से अधिक ही है। जबकि जीएसटी से मिलने वाली छूट समाप्त होने से लगभग 5 हजार करोड़ का नुकसान राज्य को उठाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारा प्रदेश बेहतर ढ़ंग से चले हम और अधिक नौकरी देने वाले बने इसके लिये हमारा प्रयास आय के संसाधनों में वृद्धि का है, राज्य में निवेश के संसाधन बढ़ाने का है। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्य के प्रति विशेष लगाव होने के कारण प्रदेश में सड़क, रेल, स्वास्थ्य रोप वे आदि की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। इस दशक में हमें राज्य को विकास की नई उचाईयों पर ले जाना है, राज्य के आय के संसाधनों में वृद्धि के लिये अधिकारी कर्मचारी संगठनों के भी सुझाव लिये जायेंगे। हमें राज्य हित में आय के संसाधनों को बढ़ाने की सोच  पैदा करनी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थान्तरण के सम्बन्ध में प्रभावी नीति तैयार की जायेगी इसके लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं के साथ कार्मिक संगठनों से भी सुझाव लिये जायेंगे। हमारी नीति ऐसी बने ताकि कार्मिकों को स्थान्तरण के लिये सिफारिश न करनी पड़े।
उन्होंने कहा कि कार्मिकों की पदोन्नति समय पर हो विभाग में रिक्त पदों को समयबद्धता के साथ भरा जाय इसके लिये निर्देश जारी किये गये हैं साथ ही विभागाध्यक्षों को भी कर्मचारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री से भेंट के बाद कर्मचारी समन्वय समिति के सदस्य अपनी समस्याओं के समाधान के प्रति आश्वस्त नजर आये तथा सभी ने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी,  आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर.के.सुधांशु, सचिव  शैलेश बगोली,  आर.राजेश कुमार, अपर सचिव  अरूणेन्द्र सिंह चौहान,  गंगा राम तथा समन्वय समिति के सदस्यों में  प्रताप सिंह पंवार,  अरूण पाण्डे,  एम एम चौहान,  शक्ति प्रसाद भट्ट,  पूर्णानन्द नौटियाल,  विक्रम सिंह नेगी,  नाजिम सिद्धीकी,  दिनेश गुंसाई आदि उपस्थित थे।

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