मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के हम सब साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राम मंदिर बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आज उनके नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड से भगवान श्री राम का भी विशेष नाता है। देवप्रयाग में भगवान श्री राम को समर्पित रघुनाथ मंदिर एवं बागेश्वर जनपद में निर्मल बहती सरयू नदी है। मां सरयू का उद्गम स्थल हमारे उत्तराखंड में है एवं सरयू किनारे ही अयोध्या धाम में श्री राम विराजमान हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि रामकाज में उत्तराखंड के लोग हमेशा आगे रहते हैं। राज्य सरकार द्वारा 22 तारीख को शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित करने के साथ ही सरकारी कार्यालयों में अपराहन 2ः30 बजे तक अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड सदन बनाए जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम के समीप जमीन दिए जाने का आग्रह किया था, जमीन उत्तराखंड सरकार को आवंटित हो गई है। उन्होंने कहा करीब तीन एकड़ भूमि पर उत्तराखंडवासियों के लिए भव्य उत्तराखंड सदन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उत्तराखंड सरकार मंत्रिमंडल के साथ राम मंदिर के दर्शन के लिये अयोध्या जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक उत्तराखंडवासी श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे धूमधाम से मना रहा है। राज्य के अंदर सांस्कृतिक महोत्सव के तहत विभिन्न मंदिरों घाटों में सफाई अभियान एवं भजन कीर्तन चल रहे हैं। उन्होंने कहा प्रभु श्री राम की कृपा से ही उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के हम तब साक्षी बन रहे हैं, जब पर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, कश्मीर से धारा 370 समाप्त की गई है, देश में जी-20 का सफल आयोजन हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, सविता कपूर, आरएसएस के प्रांत प्रचारक शैलेंद्र सिंह, महंत रमन गोस्वामी, महंत कृष्णा गिरी महाराज, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।