सहारा समूह ने कहा है कि सहारा इंडिया परिवार एक मजबूत आधार और स्पष्ट संरचना वाला संगठन है जो सहाराश्री की विरासत को बनाए रखने तथा उनके विजन को दृढ़ता से आगे ले जाने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। लखनऊ . भारत के एक विशालतम कॉर्पोरेट समूह सहारा इंडिया परिवार के प्रबंध कार्यकर्ता और चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा जिन्हें प्यार से सहाराश्री कहा जाता है को हर क्षेत्र के लोगों से भावभीनी श्रद्धांजलियां प्राप्त हुई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहाराश्री के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके निधन को राज्य और देश की भावनात्मक क्षति बताया क्योंकि सहाराश्री केवल एक सफल व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक बड़े हृदय के इंसान थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की और उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान किया। सहाराश्री का निधन 14 नवंबर 2023 को रात 10.30 बजे मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल एवं मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में दिल का दौरा पड़ने से हो गया था। सहाराश्री मेटास्टेटिक कैंसर उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थे। उनका पार्थिव शरीर 15 नवम्बर को लखनऊ लाया गया एवं 16 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। दुख की इस घड़ी में उनकी पत्नी श्रीमती स्वप्ना रॉय उनकी पुत्रवधुएं बड़े बेटे सुशांतो रॉय की पत्नी ऋचा रॉय तथा छोटे बेटे सीमांतो रॉय की पत्नी चांदनी रॉय को हजारों शोकाकुल लोगों से भावनात्मक संवेदनाएं और शोक संदेश प्राप्त हुए। सहारा इंडिया परिवार के प्रवक्ता ने कहा कि शोक के इस समय में सहारा इंडिया परिवार के दोनों प्रबंध कार्यकर्ता ओ. पी. श्रीवास्तव और जे.बी. रॉय जो कि सहाराश्री के छोटे भाई भी हैं ने परिवार के लोगों और समूचे सहारा इंडिया परिवार को पितृवत संबल प्रदान किया।
मुंबई में सहाराश्री के निधन के तत्काल बाद जो लोग सबसे पहले श्रीमती स्वप्ना रॉय से मिलने पहुंचे वे थे अमिताभ बच्चन उनके पुत्र अभिषेक बच्चन और उनकी पुत्री श्वेता बच्चन नंदा। इन्होंने मुंबई के सहारा स्टार होटल में उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर सहाराश्री के निधन को एक गहरी क्षति बताया। विश्व बैडमिंटन चैंपियन पी.वी.सिंधु ने कहा कि सहारा श्री के निधन का समाचार दिल तोड़ने वाला है उन्होंने हमेशा मुझे प्यार स्नेह और सम्मान ही प्रदान किया। सहाराश्री ने सहारा इंडिया परिवार की स्थापना 1978 में 10×12 फीट के कार्यालय तथा दो सहायकों के साथ की थी। इसके बाद उन्होंने भारत में लघु बचत का परिदृश्य ही बदल दिया। उन्होंने बैंक सुविधारहित और वित्तीय तौर पर वंचित लोगों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करायीं और उन्हें शिक्षित करके उनमें बचत की आदत विकसित की। सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेलवे के बाद ^भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता* करार दिया। यह समूह भारतभर में फैले अपने 5000 से अधिक संस्थापनों के माध्यम से संचालित है और इसके फील्ड तथा कार्यालयों में कार्यरत कर्मियों की संख्या लगभग 12 लाख है।
समूह के भविष्य के बारे में सवाल किये जाने पर सहारा ने कहा सहारा इंडिया परिवार एक पूर्णतः व्यावसायिक तौर पर प्रबंधित संस्था है। यह संस्था सुदृढ़ बुनियादी सिद्धांतों से संचालित है और इसका संगठनात्मक ढांचा अत्यधिक सुदृढ़ एवं मजबूत है। इसके सभी व्यावसायिक प्रभागों का नेतृत्व कुशल और अपने अपने क्षेत्रों के पेशेवर विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। सहाराश्री जी सदैव हमारी प्रेरणा रहे हैं और सदैव हमारी प्रेरणा रहेंगे। सहारा इंडिया परिवार उनकी विरासत को बनाए रखने और संस्था को उनके विजन के अनुसार ही पूर्ववत शक्ति और दृढ़ता के साथ आगे ले जाने के लिए संकल्पित है। सुब्रत रॉय सहारा एक व्यवसायी से कहीं अधिक एक राष्ट्रवादी और परोपकारी व्यक्ति थे। करगिल युद्ध के पश्चात भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करगिल शहीदों के 320 परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सुब्रत रॉय सहारा एवं सहारा इंडिया परिवार की भरपूर प्रशंसा की थी। उन्हें अनेक अवसरों पर मदर टेरेसा का भी गहरा स्नेह प्राप्त हुआ। सुब्रत रॉय सहारा ने मुंबई के आतंकवादी हमले में मारे गये शहीदों के परिवारों को अगले दस साल तक उनके वेतन की पांच गुनी राशि सहायता स्वरूप उपलब्ध करायी और अवयस्क बच्चों वाले परिवारों को अधिक समय तक सहायता उपलब्ध करायी। इसी तरह दंतेवाड़ा नरसंहार के पीड़ितों तथा प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के लिए भी पुनर्स्थापन और पुनर्वासन के कार्यक्रम चलाए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को मोबाइल वैन के माध्यम से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाया, वयस्क शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए। दिव्यांगों को पुनर्वासित किया।
निर्धन वर्ग की सभी धर्मों की 101 कन्याओं के सामूहिक विवाह के वार्षिक आयोजन किये। सुब्रत रॉय सहारा भारतीय खेलों को बढ़ावा देने वाले एक प्रमुख खेल संरक्षक रहे। वह स्वयं भी बैडमिंटन के शौकीन थे और प्रतिदिन बैडमिंटन खेला करते थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि खेल समाज के स्वस्थ, ऊर्जावान और उत्साहप्रद पहलू को दर्शाते हैं। अपने इसी विश्वास के तहत उन्होंने खेलों को क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया। एक दशक से भी अधिक समय तक भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीमों का प्रायोजन करने के अलावा सहारा ने भारतीय मुक्केबाजी, कुश्ती, तीरंदाजी, निशानेबाजी, ट्रैक एंड फील्ड, टेनिस और वॉलीबॉल आदि खेलों को भी प्रोत्साहन दिया और इन खेल विधाओं से संबंधित अनेक खिलाड़ियों को वांछित सहायता उपलब्ध करायी।
सहाराश्री और खिलाड़ियों के बीच जो गहरा रिश्ता था उसे महान क्रिकेटर युवराज सिंह के शोक संदेश से समझा जा सकता है। युवराज सिंह ने कहा है सहाराश्री महान व्यक्ति थे और योद्धा थे। जब मेरी कैंसर की बीमारी का पता लगा तो वह उन गिने चुने लोगों में से थे जो मेरे साथ खड़े रहे और मुझे पूरा सहयोग दिया। सहाराश्री का निधन एक ऐसी गंभीर क्षति है जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती। अमिताभ बच्चन, योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, पी.वी. सिंधु, युवराज सिंह, सायना नेहवाल, अभिषेक बच्चन, रितेश देशमुख, अनुपम खेर, पुलेला गोपीचंद, मधुर भंडारकर तथा अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने सहाराश्री को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके निधन को देश की बड़ी क्षति बताया।