देहरादून। पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी द्वारा पिटकुल के कार्मिकों को जल का सदुपयोग करने एवं जल संरक्षण के सम्बन्ध में शपथ दिलवायी गयी। इस अवसर पर ध्यानी द्वारा अवगत कराया गया कि धरती पर उपलब्ध जल का 96.5 प्रतिशत भाग समुद्र एवं महासागरों में, 1.7 प्रतिशत भूजल एवं ग्लेशियरों में, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड की बर्फ आदि में पाया जाता है। इस पानी का केवल 2.5 प्रतिशत ताजा पानी है और इस ताजे पानी का 98.8 प्रतिशत हिम यानि बादलों को छोड़कर भूजल में है। इससे स्पष्ट है कि ताजे जल का एक महत्वपूर्ण भाग पृथ्वी के भूगर्भ में पाया जाता है। इसी भूगर्भ का जलस्तर लगातार गिर रहा है। देहरादून में भी पिछले 10 वर्षों में भूमिगत जल का स्तर 15 से 20 फुट नीचे खिसक गया है जो चिन्ता का विषय है। भविष्य की पीढ़ी के लिये इस अमूल्य खजाने को बचाये रखना हम सभी का दायित्व है।
प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी द्वारा कार्मिकों को यह शपथ दिलवायी गयी कि हम पानी की बूंद-बूंद का सदुपयोग करेंगे। पानी की बर्बादी नहीं करेंगे। अपने घरों में वर्षा जल संग्रहण सम्बन्धी कार्य करके बरसाती पानी का संरक्षण करेंगे। इसके लिये अपने आस पास लोगों और सोसाईटी को भी जागरूक करेंगे। इस अवसर पर निदेशक (परियोजना) नीरज कुमार, महाप्रबन्धक (वित्त) एस0के0 तोमर, मुख्य अभियन्ता कमल कान्त, अनुपम सिंह, ईला पन्त, अनुपम शर्मा, उपमहाप्रबन्धक (वित्त) मनोज कुमार, अधीक्षण अभियन्ता पंकज कुमार, अविनाश अवस्थी, संतोष कुमार, साईमा कमाल एवं अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।