देहरादून 16 जनवरी| उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कार्मिक ने 29 वें दिन जारी अपने धरना प्रदर्शन के दौरान विधानसभा सचिवालय पर समय-समय पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया| [प्रदर्शन के दौरान बर्खास्त कार्मिकों ने हाथ में नारे लिखे पोस्टर थे जिनमे “पिता की भर्ती वैध है बाकी सब अवैध है, आप करें तो संवैधानिक अधिकार, अन्य करे तो भ्रष्टाचार” जैसे नारे लिखे थे।
बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि विधानसभा सचिवालय द्वारा 2018 में हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा 150 कार्मिकों के पक्ष में दिए गए आदेश एवं 2022 में हाईकोर्ट की एकल बेंच द्वारा 222 बर्खास्त कार्मिकों के पक्ष में दिए गए स्टे आर्डर की अवहेलना की गई है| कहा कि विधान सभा द्वारा कई तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए सभी कार्मिकों को बिना पूर्व सूचना के एक झटके में बर्खास्त किया गया| कार्मिकों ने कहा कि 2017 में विधानसभा द्वारा हाई कोर्ट में दिया गया काउंटर एफिडेविट बर्खास्त कर्मचारियों के पक्ष में था और अब 2022 में वही काउंटर एफिडेविट बर्खास्त कर्मचारियों के विरुद्ध है जो कि विधानसभा सचिवालय का दोहरा चरित्र दर्शाता है|
कार्मिकों का कहना है कि विधानसभा के द्वारा यह भ्रांति फैलाई गई है कि बर्खास्त कार्मिक उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय से अपना कोर्ट केस हार चुके हैं जबकि बर्खास्त कार्मिकों ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बर्खास्त कार्मिकों को स्टे दिया गया था। विधानसभा द्वारा उनको एक महीने तक यह बोलकर टहलाया गया की उनको जल्द से जल्द नियुक्ति दी जाएगी जबकि दूसरी तरफ विधानसभा उनके स्टे के खिलाफ हाई कोर्ट की डबल बेंच में केस दायर करती है।
उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने बर्खाश्त कर्मचारियों का स्टे खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ बर्खास्त कार्मिक सुप्रीम कोर्ट गए वहाँ न्यायमूर्ति द्वारा कहा गया कि उनकी सुनवाई अभी हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में चल रही है इसके बाद बर्खास्त कार्मिकों ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली। 7 जनवरी 2023 को उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई की जिसके बाद अगली तारीख 25 फरवरी को दी गई है, बर्खास्त कार्मिकों का कहना है कि उन्हे न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है कि न्यायालय उनके पक्ष में फैसला देगा। इस अवसर पर मनीष भगत, निहारिका कुकरेती, केदार बिष्ट, मुकेश पंत, अजीत मेहता, ओम प्रकाश राहुल पांडे, अनिल नैनवाल, कुलदीप सिंह आदि समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित रहे।